EPFO ने शुरू की दो नई सेवाएं, जानिए क्या हैं बदलाव

EPFO New Rules: कर्मचारियों को बड़ी राहत, अब ऑनलाइन अपडेट करें व्यक्तिगत जानकारी


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7.6 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा की शुरुआत की है। अब सदस्य बिना नियोक्ता के सत्यापन या EPFO की मंजूरी के, नाम और जन्मतिथि जैसी व्यक्तिगत जानकारी को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं। यह नई सुविधा 20 जनवरी से लागू हो चुकी है, जिससे लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

नई सुविधाओं का लाभ

EPFO ने दो नई सेवाओं को शुरू किया है, जिससे ई-केवाईसी (आधार से लिंक्ड) वाले सदस्य न केवल अपनी प्रोफाइल में सुधार कर सकेंगे, बल्कि बिना नियोक्ता की जरूरत के, सीधे आधार ओटीपी के जरिए अपना EPF खाता ट्रांसफर भी कर सकेंगे। केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि इससे न केवल शिकायतों में कमी आएगी, बल्कि प्रोसेसिंग समय भी तेज होगा।

प्रोफाइल अपडेट के लिए सरल प्रक्रिया

मंत्री ने बताया कि EPFO के पोर्टल पर ज्वाइंट डेक्लेरेशन की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। अब सदस्य खुद ही अपने नाम, जन्मतिथि, लिंग, वैवाहिक स्थिति, और अन्य विवरण में मामूली गड़बड़ियों को सुधार सकते हैं। इन कार्यों के लिए पहले नियोक्ता के सत्यापन और EPFO की मंजूरी की आवश्यकता होती थी, जो अब खत्म कर दी गई है।

केवल आधार से लिंक्ड UAN वाले सदस्यों को सुविधा

यह सुविधा उन सदस्यों को दी गई है जिनका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) 1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी हुआ है। जिनका UAN आधार से लिंक नहीं है, उनके लिए सुधार कार्यों में नियोक्ता और EPFO की मंजूरी अभी भी आवश्यक है।

लंबित मामलों का समाधान

EPFO के अनुसार, नए नियमों से नियोक्ताओं के पास लंबित 3.9 लाख से अधिक मामलों का भी समाधान होगा। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 9 महीनों में 20 लाख से अधिक दावे 15 दिनों से ज्यादा समय तक लंबित रहे। अब ई-केवाईसी वाले सदस्य सीधे EPFO को अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे प्रोसेसिंग समय में भारी कमी आएगी।

सरकार का जोर सेवाओं को बेहतर बनाने पर

मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय EPFO की सेवाओं को बैंकिंग प्रणाली के स्तर का बनाने की दिशा में काम कर रहा है। नए नियमों से न केवल कर्मचारी बल्कि नियोक्ता भी लाभान्वित होंगे।

निष्कर्ष

EPFO द्वारा लाए गए ये नए बदलाव न केवल कर्मचारियों की शिकायतों को कम करेंगे, बल्कि प्रक्रिया को तेज और आसान भी बनाएंगे। यह कदम डिजिटल युग में कर्मचारियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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